तक़दीर से क्या गिला, खुदा की मर्ज़ी
( दुनिया भी अजब सराय फानी देखी
हर चीज यहाँ की आनी जानी देखी ) - २
( जो आके ना जाये वो बुढ़ापा देखा
जो जाके ना आये वो जवानी देखी ) - २
जो जाके ना आये वो जवानी देखी
लेले लेले ले —-
( हर शै में जमाल-ऐ-दिलरुबा को देखा
हर चीज में शान-ऐ-किबरियाको देखा ) – २
मखलूक में खालिक का नजर आया जिसको
उस देखने वाले ने खुदा को देखा - २
( दुनिया भी अब सराय फानी देखी
हर चीज यहाँ की आनी जानी देखी ) - २
( जो आके ना जाये वो बुढ़ापा देखा
जो जाके ना आये वो जवानी देखी ) – २
जो जाके ना आये वो जवानी देखी
लेले लेले ले ———
( हर शै में जमाल-ऐ-दिलरुबा को देखा
हर चीज में शान-ऐ-किबरिया को देखा ) - २
जिसको यह लाइन समझ नहीं आई
उस देखने वाले ने खुदा को देखा - २
लेले लेले ले ——–
तकदीर से क्या गिला खुदा की मर्ज़ी
जो कुछ भी हुआ, हुआ खुदा की मर्ज़ी
हमजद हर बात में कहांतक क्यों ?
हर क्यों की इन्तहां, खुदा की मर्ज़ी
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